सूंडले भरेल सामटां, नित्य व्रहावतों नूर, 
भाचळीयो रवि भणे, सकळ लोक में सूर, 
हे भगवान सूर्य नारायण देव आप कायम आभे थंभी नें सूंडा भरी भरी नें नवेय खंड मां नूर वरसावो छो नें हेत नां पटारां उघाडीनें संसार मां उजास नीं संपत्ति बांटी नें सौने धनवान बनावो छो ऐवां ओजस पाथरनार प्रभुजी आपनें मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो देव..... 🙏🏼🌹🙇🏻🌞🙇🏻🌹🙏🏼
 
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें