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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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6 अगस्त 2016

सूर्य वंदना -06-08-16 रविराज भाचळीया

सप्तास तुरंग संगमें, रमाडतो रांग में रांण,
भाचळीयो रवि भणे, भळकतो नभ में भांण,

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