कपट रहीत काशपरा, कायम काढतों कोर,
भाचळीयो रवि भणे, भांण नित भळकी भोर,
हे भगवान सूर्य नारायण देव आप कोई पण जात नां स्वारथ के वळतर नीं आसा राख्या वीनां अनें जराय टाळों वटाळों के कूड कपट राख्या वरग कोई नें ओछो प्रकास के वधारे प्रकास आप्या विनां समग्र जगत नें उर थी ऐकज सरखा अंजवाळां आपो छो नें परोडीयुं थीये कोई पण जात नीं काती राख्या विनां अनहद उर्मिओ आपो छो खरे खर आपज ऐक सनातन सत्य छो बाकी बधुय धूमाडां नें बासकां भरवां जेवुं छे..... "वरताय ईज वास्तविकता"..... ऐवां हे भगवान सूर्य नारायण देव आप ने मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो प्रभु....🙏🏼🌹🙇🏻🌅🌞🌅🙇🏻🌹🙏🏼
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