अरमान रचियता :- डॉ. पी.बी.गढवी
संदर्भ :- पागल नी वाणी
आ पुस्तक आपवा बदल वडील श्री मोरारदानभाई सुरताणीया (मोरझर)नो खूब खूब आभार
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