. " दिये लाभ ते दिकरो "
प्रकार :- छप्पय
रचयिता: राजकवि श्री पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला..भावनगर
सहन कर्यो दस मास, भार उदरमा भारी,
आप्यो पछी अवतार, धवाडयो पय उर धारी,
पुत्र कारणे आप कटु ओषध पण पीधा,
आणयो नही अभाव, दुःखी थई सुख अति दिधा,
आभार सत्य ऐ मातनो, खसे नही दिलथीं खरो,
कविराज सत्य पिंगल कहे, दिऐ लाभ ते दीकरो...1
जतन करी जालव्यो, प्राणथी आत्मज प्यारो,
पहोर आठ निज पास, नजरथी घडी न न्यारो,
गुरु राखी गुणवान, बाळ विद्वान बनाव्यो,
विनय विवेक विचार, भार वहेवार भणाव्यो,
उपकार पितानो सत्य ऐ, खसे नही दिलमा खरो,
कविराज सत्य पिंगल कहे दि ऐ लाभ ते दीकरो......2
🌹अनिरुद्ध जे. नरेला 🌹
🌹 ना जय माताजी 🌹
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