.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

23 सितंबर 2016

आई श्री सोनल वंदना : रचना :- दिलजीतभाई गढवी

*आई  श्री  सोनल  वंदना*
            " *भाव* "
राग..जन्म जन्म का साथ है...

जै सोनल मां सूख कारी मंगल मूरती वाळी,
मढडानां मंदिरमां सोहे आयल आभ कपाळी,
जै सोनल मां सूखकारी...टेक.

चारण तारण कारण जनम लई जोराळी,
कफरा आ कळी काळमां आखी अवन उजाळी,
मोड सधू महमाया खंम्मा हमीर धीडी हेताळी सोनल मां सूखकारी मंगळ मूरती वाळी .1

भूल भूली जा भावथी मां मारी मरमाळी,
होय हजारु गूना बाळकना बिरदाळी,
कदी करीशना कोई गूना हूं नवा हवे नेजाळी सोनल मां सूखकारी मंगळ मूरती वाळी.. 2

हानी हरवा हेतथी आवोने अवतारी,
चित्त चड्यू चकडोळे मूंजाई छे मत मारी,
आंधीमां अटवायो कांठो जडशे केम कृपाळी सोनल मां सूखकारी मंगळ मूरती वाळी.. 3

कोरट तूं छो कायदो न्याय वडो नेजाळी,
छोरु जाणी *दिलजीतने*
माफ करो मरमाळी,
अरज गूजारु चरजमां मूने झट लेजो संभाळी सोनल मां सूखकारी मंगळ मूरती वाळी. 4.

*आई  श्री  सोनल  वंदना*
देस राग आधारीत मां प्रार्थना
*दिलजीत बाटी ना जै माताजी* *ढसा जं.*
*मो.9925263039*

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT