चामुंडा माताजी नी स्तुति
शक्ति जय चामुंड
रचयिता : राजकवि पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला .भावनगर
शक्ति जय चामुंड करत भक्ति जन कोटी
ओपत ज्योति अखंड देवी देवनमें मोटी
रक्तासनि अति रूप भव्य तद्रुप भवानी
दुःख हरनी जगदम्ब गाय गुन पंडित ज्ञानी,
उतपात मिटावण अवनीमें, सेवक काज सुधारणी
कर जोर कवि पिंगल कहे अविचल शरण उगारणी.
अनिरुद्ध जे. नरेला ना जय माताजी.
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