.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

9 अक्तूबर 2016

|| देव डाढाळी || रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

.                 *|| देव डाढाळी ||*
.      *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
.       *ढाळ: चारणी परज, रावळी शैली*

नमीयें नव लाख नेजाळी..,भेर्युं कर देव भालाळी..दरशन दे देव डाढाळी...टेक

चौद लोके एक चुडलो चमके,भांण नो थातो भास
हाथ कांकण एक होय हेमाळे, रंग खेलण तुं रास
हाली आव मात हेताळी..गरजावो डुगरा गाळी रे, खमकारा कर्य खेधाळी....०१

हाथ ना कीधा होय माडीतो.जोगणीं एने जाळ
खोळले ले ने तुं मात खंखेरी, विपदा पाछी वाळ
भाले जेम चकली भाळी, समदर दे माग सेढाळी रे,जडबां दैत चीर जोराळी...०२

मलक आखा नी ममता मेळी,भ्रमणां पाडे भांत
जोग दीपावण जोगणी जागो,अमे तमाणी आंत
ओवो अडेडाटओखाळी, वेगूं कर विह भूजाळी रे, भेळी रेने मात भेटाळी...०३

आई तारो छे अहागळो अमने,मोगल वात्युं मान
वार्य करो विस वंभरी वाट्युं ,जोवुं हुं जोगी दान,
चडीया नी मात चूडाळी ,त्रिभुवण गुंजवो ताळी रे , खडेड्यो आभ ले खाळी...०४

(नवरात्री ना नवमा उपवास नी परोढ नी प्रार्थना )

🙏🏻🙇🏻👣🙏🏻🙇🏻👣🙏🏻🙇🏻👣🙏🏻

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT