व्यसनमुकित अभियानमां जोडावुं ऐ मोटामां मोटी समाजसेवा छे...!
आहार, व्यायाम अभिगम पछी जो अगत्यनी वस्तु जीवनशैलीमां महत्व घरावती होय तो ते व्यसन छे. व्यसनथी दूर रहेवुं ऐ खूब जरुरी छे.
शोख माटे मारेली फूंक तमने कायमी सिगारेटना व्यसनी बनावे छे.
छींकणी, तमाकुं, गुटका जेवा नाना व्यसनो शुं तकलीफ पेदा करी शके छे तेनाथी आपणे विदित छीऐ.
दारुथी थता फायदा करता गेरफायदा धणां विशेष छे. ऐ ज प्रमाणे चरस, भांग, अफीण, दवाओ वगेरे व्यसनो पण माणसनी रचनात्मक शकितने खलास करी नाखे छे. ऐटलुं ज नहीं तेनाथी कुटुंब अने समाजने पण नुकशान थाय छे.
व्यसनथी दूर रहेवुं ऐ तो तंदुरस्त जीवनशैली छे पण व्यसनमुकित अभियानमां जोडावुं ऐ मोटामां मोटी समाजसेवा छे अने आ समाजसेवा नि:शुल्क छे.
जय माताजी.
प्रस्तुति कवि चकमक.
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