💐 *आइ करुं छु अरजी* 💐
आइ करुं छुं अरजी मारो साद कां सुणे नइं
कया अपराधे करणी अमथी मुख मरोडी गइ
होय हजारो बाळ ना गुना,पण जननी जुए नइं
धाह सुणे तां ध्रोडती आवे,घटमा घांघी थइ
गण तोरा अवगण अमारा,त्राजवे तोळीस नइं
अंध लंपट नफट छोरुना,खाता खोलीस नइं
माफ करीदेने मीवडी,हवे नवा करसुं नइ
कीधा गुना मां विसरी जाने,राख शरणे राजी थइ
मढडावाडी मात आवो,हवे आइ अवतारु लइ
राह भूलेला ने वाळजे वाटे,दिलथी डारो दइ
मीट मंडाणी मढडे,बीजे चीतडुं चोटे नइं
मां विनाना देवना गुणला,गावा गोठे नइं
शीव ब्रह्मा हरि भुले भले,पण मात तुं मेलीश नइं
मा विहोणा देवना "दिलजीत" देवळ दीठा नइं
💐 *रचना -- चारण कवि दिलजीतदान बाटी--ढसा जंक्षन* 💐
🙏🏻 *भुलचुक सुधारीने वांचवी* 🙏🏻
🌹 *टाइपिंग -- राम बी. गढवी* 🌹
*नविनाळ-कच्छ*
*फोन.=7383523606*
💐 *वंदे सोनल मातरमं* 💐
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