*||रचना: मेघ आगमन गीत ||*
*|| कर्ता: मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||*
*||ढाळ:बेटी बहु बाप ने व्हाली ||*
बलाहक आव परोणो,
वेरी जा ने हेम परवीणो,(टेक,)
खेत तणा तळ वावडा मांगे,
अने, एषणा खेडणहार,
पाण धरी नित निरखे सांती,
म्हेर करो मेघराय,
बलाहक आव परोणो,
वेरी जा ने हेम परवीणो,(1)
केर वार्तायो ताप नो काळो,
(अने) सर थया डामाडोळ,
एजी सुरभी ना ए साद ने खातर,
पाळ तारो परवाह,
बलाहक आव परोणो,
वेरी जा ने हेम परवीणो,(2)
मेघ मंडाणा आभ ढंकाणा,
अने वीज ना थ्या इंधाण,
ओला वायराओ संदेशडा लाव्या,
हवे झट आवे वरसाद,
बलाहक आव परोणो,
वेरी जा ने हेम परवीणो,(3)
रान सेमाड़ा सुकवा लाग्या,
अने घास नथी वनमाय,
मेघवंता तू तो वरसी जाने,
सुणी मोर केरा टहुकार,
बलाहक आव परोणो,
वेरी जा ने हेम परवीणो,(4)
आव मेहुला गीतडा गातो,
(अने)जोतो हु वादळ जाळ,
व्हेण मोटू वरसाव तो व्हाला,
*मीत* मनडे हरखाय,
बलाहक आव परोणो,
वेरी जा ने हेम परवीणो,(5)
*🙏----मितेशदान(सिंहढाय्च)----🙏*
*कवि मीत*
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