तारा ने तारा तणो,ऐकज उर आधार ।
बुडता होय तारा बाणको,तो मां खोणल देजे खमकार ।।
चारणी काव्यो, शब्दो अने चारणी वाणी ऐ साहित्य जगत मा ऐक पोतानी आगवी शैली द्वारा अनेरु स्थान मेणव्यु छे अने चारणी साहित्य ऐ शिष्ट नही पन विशिष्ट साहित्य छे.
आ चारणी साहित्य,आपणा चारणी छंदो,जगदंबा नी स्तुति ओ के पछी महान चारण महात्मा, कविओ द्वारा लखायेला चारणी ग्रंथो, देवीयाण-हरिरस,अवतार चरित्र,पांडव यशेन्द्रु चंद्रीका,जशवंत भुषण,वंश भास्कर,कागवाणी, आवा अनेक प्राप्य अप्राप्य पुस्तको तेमज चारणी छंदो नु पध्धति सर बंधारण पायानु व्याकरण नु ज्ञान,केटला प्रकार ना छंदो छे,केवी रीते बोलवु केवी रीते ऐनु पठन करवु आ बधु ज्ञान आपने आपवा मा आवशे, तेमज प्राप्य अप्राप्य पुस्तको आपने आपवा मा आवशे.
आ नानकडो प्रयास आपणा चारणी साहित्य ना वक्ता ऐवा चारण कविराज अनुभा जामंग नो आ ऐवो ऐक प्रयास छे के जेथी करी आपणी चारणी अस्मिता आपणो चारणी अमुल्य वारसो जणवाइ रहे.
जो कोइ चारण जुवानो ने चारणी साहित्य मा रुची होय तो चारण कवि अनुभा जामंग नो संपकॅ साधो
अनुभा जामंग (बावळी):- 9825710949
भद्रायु गढवी(सोमल-बाटी)(भुज-कच्छ):- 87585 44155
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