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27 अगस्त 2017

चारण साडा त्रण प्हाडा रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)

,         *चारण साडा त्रण प्हाडा*
*प्रथम,प्हाडो*
.            *छंद: मनहर कवित*
.           *|| नरा चाळ अवसूरा  ||*
.    *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*

नरा कूळदेवी मात रवेची को लीयो नाम
शंकर को गण आखी भोम अखीयाता है
सूतको है पुत्र माताआवरी को जायो आज
अवल्ल अमल्ल नेह चारण चराता है
ईसर, उसडा, सूडा, सिंगडीया,मळी साथ
लूणल, लोयणा, लोमा, हेठोळा हयाता है
त्रण वीसुं तापे दसां भेद भये साखा भारी
मूख जोगीदान नरा साखे मलकाता है, ||०१||

कीडीया, कागडा, गुढा, गाहु, और ग्रोवियाळा,
गोखरु,घेलडा, घेला, गोयल, गवाता है
जाळग, जामंग, जेत्र हत्था, झीबा,जाजलीया
जगबल्ल, जाळफवा, जेसळ, जीता, ता है
जग्गहठ, जोगडा, देवल, धूना, देहभल्ल,
धधवाडीया,की नांधुं, धूहड, भी धाता है
नरदेव, नेचडा, के नरेला या नामाळग,
कहे जोगीदान नरा नागैया से नाता है, ||०२||

नायक, पायक, है नडीर, और नांदण भी
नजभल्ल पांड्रसिंगा, पालीया, पंकाता है
पोपरीया,बोक्सा, बुधड, बेरा, बावडा,ने
पंचाळ, भुहड, भेंसवडा, भाखुं, पाता है
भुजाळा, मोभल, मागु, मोखराम,मोढेराय
मुळीया, मालीया, राजपाळ, अंग राता है
राजशी, राजैया, रजवेठ,संगे राबा, राय
कहे जोगीदान नरा आजा सोया आता है, ||०३||

,            *अवसूरा*

सूत पूत्र धेनु बल्ल वाके आवीसूर भये
देखी चंड मुंडा देवी कूळ दर सायो है,
कनुआ, कीनीया,कूना,कूंवार, ने, कुंवरीया
कवडीया, खात्रा, खडीयेचा,गोल, खायो है
गेंदळा, गीयड, गोदडा, की खेरा, गढवी,या
खाडाळा, खडायचा, ने खुखड, खमायो है
कहे जोगीदान अभी मान करी सकौ एसा
नराकुळ चाळ अवसूरा, जग्ग आयो है, ||०१||

चांचडा, जडीया, सूगा, साजका, सुरु,ने दास,
जसगार, सगोअर, संभळा, सवायो है
जळीया, झुझार, धूळा, देवळग, देवका, ने
दरंगा, नागीया,नागलांणी, पेथा, नायो है
पाटोडीया, पसीया, ने बुधसी, पिंगूद, बंका,
भोज, बळधा, ने भूवा, मालका, मनायो है
महेरांण, मूळरव, मोखु, मोखा, मोखाया, तो
कहे जोगीदान अवसूरा आसीया, यो है, ||०२||

मूअड, पंगर, मांणु, पिंगु, सासी, पटोळीया,
पेचीया, पाटोडा, होना, होता, जग्ग हायो है
ओल, आपजड, आसपाळ, अरु आसीया, ने
लाळस, लुणीया, वणसूर, अंब वायो है
सामोर, रतन, वाणसीया, ने सोलाखा भला
भाराथे सूमोड, वेगडा, को जुद्ध भायो है
कहे जोगीदान अवसूरा अवनीपे आज
बंकडा, ने साखा जग बोंतेर बसायो है, ||०३||

,               *बिजो,प्हाडो*
.            *छंद: मनहर कवित*
.         *|| चुंहवा 'चाळ'बाटी ||*
.  *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*

मृदु मती म्रिकुंद अराध्यो महादेव अती
रुद्र ने बतायी राह चारणा की रीता है
बारा साल आयु स्राप बाल सूत घर सोहे
ब्रामन को दीयो दान बोत मन बीता है
म्रीकंदु पढायो मृत्यु जीत है महेस ईश
कहो मारकंडे कैसी करंतो कवीता है
ओही मात आवरि ने कियो नाद आसमासे
कहे जोगीदान जग्ग रवेची जपीता है, ||०१||

वाकी वंश वेल वीर वेद को पठंत वारी
चहुंदीस वाय वाता चहूवा चरीता है
काजा,गोढ,कुवारीया,कीकडा,कळंग,घोडा,
खुबडीया,खुसडीया,गांगडीया,गीता है
गोड,के गवाद,जाजु,चाटका,सपाकी,चूंवा,
साबा,सोमाणींया,नाया,छाछडा,समीता है
झणीया,त्रवाई,झूला,वरसदा,वीरडा,ने
कहे जोगीदान माम,मुंजडा,मळीता है, ||०२||

घरम रखंता ध्राटी,धानीया,बधीया,धाया,
सुमंग,सताल,राजा,सवर,सपीता है
राजवळा,महातंग,भायका,ने लांगडीया,
मादळ,मेळंग,वीर वाजैया, वजीता है
वागीया,विंझवा,एपु,मांणकव, संगे मळी
चडीया तिरारे चुंवा,उमैया,अजीता है
आलगा,अभय, अरडु, है अडीखम एका
कहे जोगीदान कोडे कवित कविता है, ||०३||

.             *चूंवा चाळ बाटी*

.                     दोहो

"मैं भगवद सम भासीया, ,सोमल,सूधा समान
जो चत बाटी जोगडा,सवडा,सिरण,सुजान"

(भासीया,सोमल,सवडा,सिरण, चार साख दोहा मां )

                     *कवित*
चूडसोम वोहळीया, काळीया, खाखवा, जाजु,
चारण बाटी,यां कुळदेवी चंड मंडा है
गाडण,सिरन्न,डेर,सेलंगडा,धोमा,नाद,
धामैया,ने बुधराम, धरमा, धरंडा है
भुंड,बधा,भाट,भाटे,भेवलीया,भासा,सोज
मेंदल,मेदळ,मेघा,रतडा,रमंडा है
पांचाळीया,पीठडीया,वेलडा,वेवडा,आना,
कहे जोगीदान रणा, पीठड, प्रचंडा है

*त्रीजो प्हाडो*

.            *छंद: मनहर कवित*
.         *|| चोराडा चाळ मारु ||*
.  *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*
,               *त्रीजो प्हाडो*

कृष्ण नाम शीव से ही कान हुवो कृष्ण नाम
पुत्त  शीव सूत्त चहुराड की प्रजाती है
क्षण मे दीयंती वर वरेक्षण कूळ माता
हेमाळे प्रचंडी सती सगत्ती हयाती है
सांखडो चोराड चोवी गाम पडीयार सत्ता
पूर सांतला बनास कांठ मे बसाती है
कवीया, कवल्ल,कांटा,कापडी,कोलू,ने कास
कहे जोगीदान जांपा,जोगवीर, जाती है,,||०१||

खडीया,गोरीया,गोरा,खीमतेज,खैया,खेडा
गड़दीया,गीयर, ने गांगल, गीनाती है
चोराडा,सडीर,चिला,सांखडा,ने चेड,सडा
चाय,सोमातर,जासा,जागरा,जमाती है
सनपर,सादैया,ने सगपर,सरा,समा
सिंगहूर,डोड,तेजा,तामा,ध्रोळी,ताती है
थेहड,वणसी,वडगामा,वजीया,वीकल्ल,
कहे जोगीदान देवसूर,दरसाती है,,||०२||

वरणसी,वानरा,वीरम,वजमल्ल,दादा,
देवंगडा,वाळीया,वीशळ,नांगु,वाती है
वासीया,वाघला,भोजा,देसीया,देवत,पाया,
भोजग,वागभा,भड़,भाकवीर,भाती है
धम्मळा,नासीया,मुंधा,ध्रोळीया,धींगडमल्ला
फसीया,धामळा,भाकवीर,रांणा, फाती है
अनुवा,अचळ,आंबा,अलूवा,रेराह,रंग
कहे जोगीदान हादा,हूतल्ल, हयाती है,,||०३||

पडीयार,पड़यार,मालकोश, मूळराज,
महूवा,मेमल्ल,आंख राजीया,की राती है
लांबा,लोधू,लुंणल,ने लालीया,लोयण,लूंणा,
लोपु,लभवा,ने वळी लूंणभा, लचाती है
चोराडा प्रसाख चरीताथ कीयो चडीया ने
फीरे देशो देस जाकी छप्पन की साती है
साख पर साख बाप गाम काम भयी गूंण
कहे जोगीदान त्रांणु चोराडा चराती है,,||०४||

        *चोराडा चाळ मारु*

*कवित*

शीव गण सूत वाके मारुत हे ताको पर
परमारु वंश जग्ग मारू केहलातो है
आवड उपासी कूळदेवी कूळ परमारू
मारवाड मारु वाके लार ना लेखातो है
मारुत पहाडा को भी बासिंदो हुवो हे मारू
हिंगळा प्रसंता प्हाडो कोरे ही कळातो है
कामोधा,काकरा,पाला,कोचर,ने कायपल,
कहे जोगीदान मौज करे फीरे माता है,,||०१||

करना,कागोया,गो,ने कलोळीया, खोळससी,
गोलण,गांगरा,सोदा,घोघरा,घुमातो है
घुघरीया,चांचुडीया,चंदणभूवा,घरेट
चांचबडा,सुकरीया,सीलगा, समातो है
सोमटीया,सूमटीया,सतीया,शोभत,सोई,
सूधा, सुरतानीया, ने सीरायच, सातो है
सोहरीया,सवई, ने दांती, जोखमडा,देथा,
कहे जोगीदान मारू,मोकळ, मनातो है,,||०२||

बाघरा,बेहडीया,बोहळीया,भजंग,भाकू
भालग,भोजग,भडमाल,बी भळातो है
भेरटीया,मेंणमला,रसोया,लधू,ने रांटा,
वाघीया,लोयण,वीकसीया,नीय वातो है
वासीग,उकन्न,वडीयाळ,आला,उभमाळ,
उंटा,अणपडा,संग ओरायत, आता है
गतराड संग  हथेवाळो करी भयो गेलो
कहे जोगीदान खोड पेख्यो मारु पातो है,,||०३||

*चोथो अडधो प्हाडो*

.         *छंद: मनहर कवित*
.             *|| तुंबेल ||*
. *रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)*

तुंबडे उछेर्यो तोउं तुंमी बडो तुंबेलाय
चडीये चितार्यो वामे खोटी ना को खोड है
काग,कारीया,ने गंढ,गुजरीया,गुंगडा ने
सेडा,सिंधीया,रू जाम,जीवीया,की जोड है
धानडा,धांधुकीया,ने बढा, और बुढडा ओ
भींडा,भागचून,भला,मवर ही मोड है
शंकर कुं पीता चंड मुंडा ने रवेची सेवे
कहे जोगीदान बातां जग मे बेजोड है,||०१||

मंधरीया, मुन,रूडा राग, अरु रूडायच,
छोगां है समाज कुंणा काळजां करोड है
व्रमल, ने भाकचन,भिंडायच,भिंडा भुवा
खोळतां जडेह एसी खोटी ना को खोड है,
आयुं जग आयूं जाकी खुमारी को देखो जोग
बंका म्रद तुंबालां तो अळा पे अजोड है
सारण वरण एक धारण धरम धरम होवे
कहे जोगीदान मात सोनल को कोड है.||०२||

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