.

"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

Sponsored Ads

Sponsored Ads

.

Notice Board


Sponsored Ads

18 अक्तूबर 2017

आवो दिवाळी उजवीऐ - रचना :- कविश्री माणेक थार्या जसाणी (गढवी) - झरपरा-कच्छ

आवो दिवाळी उजवीऐ

रचना :- कविश्री  माणेक थार्या जसाणी (गढवी) - झरपरा-कच्छ



आवो दिवाळी उजवीऐ सौ छळ कपट ने छोडी
छळ कपट ने छोडी मळीऐ दिलथी दिलने जोडी,
प्रेम तणां पाणीथी धोईऐ सत्त नी साबु चोडी
भीतरनी भींतोने करीऐ दाग विनानी धोडी,
रुदिआ केरा पट आंगणमां रंगीऐ सुंदीर रंगोडी
लगुतानी ग्रंथीओ नाखीऐ फटाकडा जेम फोडी,
कोईना जांखा जीवन दीपमां दीवेल पुरीऐ दोडी
सांघा दईऐ तुटेला ने जुदा पडेल ने जोडी,
पीऐ प्रेम रस आंख प्याले गटमां "माणेक" गोडी
बनेतो बुजाईऐ कोईनी हैये बळती होळी,

रचना :- कविश्री माणेक थार्या जसाणी (गढवी) - झरपरा-कच्छ

टाईप :- www.charanisahity.in

कोई टिप्पणी नहीं:

Sponsored Ads

ADVT

ADVT