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19 नवंबर 2017

वरदाळी ने वंदना - संकलन - संपादन चारण नामलबाई राणाभाई गामणा (वाचा)

प्राचीन अर्वाचीन गरबाओ, चरज, भावगीत तेमज माताजीना छंदो अने भजननो संग्रह
वरदाळी ने वंदना

संकलन - संपादन

चारण नामलबाई राणाभाई गामणा (वाचा)

कुल पाना - 128

आज रोज ता.19/11/2017 ने मागशर सुद-1 (ऐकम) ने रविवार ना रोज सवारे 5:30 श्री नामलबेन राणाभाई गामणा (गढवी) रामचरण पामेल छे अने तेमना द्वारा संकलन-संपादित  पुस्तक
"वरदाळी ने वंदना"

ई-बुक स्वरूपे चारणी साहित्य पर मुकवा अने कायमी सम्भारणा रुपे आजे तारीख 19-11-2017 ना देवलोक पाम्या होय तो  तेओ श्री नामलबाई राणाभाई गामणा नी पुण्य स्मरण यादि स्वरूपे आ पुस्तक तेमना पुत्र

श्री किशोरभाई राणाभाई गामणा (वाचा) मूल गाम माड़ी हाले जलाराम ट्रासपोर्ट राजकोट तरफ थी मळेल  छे




सौजन्य
श्री किशोरभाई राणाभाई गामणा (गढवी)
गंगोत्री पार्क-2, रेल नगर मेईन रॉड, राजकोट
मो :-  98253 25480


"वरदाळी ने वंदना" पुस्तक  डाउनलोड करवा माटे ::- Click Here

श्रध्धा सुमन दोहो

तू जननी तू जगदम्बा, तू इस्वर ने तात,
विहरि पण विसराय ना,माड़ी नामल मात,


स्मरण अने सत संग ना,ते तो अमि पाया आई,

ई संस्कृति सँस्कार ने,तारा बाळक भूले न बाई,


परमकृपाळु परमात्मा ऐमना दिवंगत आत्माने शांति आपे ऐवी मां भगवती पासे प्रार्थना

 

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