प्राचीन अर्वाचीन गरबाओ, चरज, भावगीत तेमज माताजीना छंदो अने भजननो संग्रह
वरदाळी ने वंदना
संकलन - संपादन
चारण नामलबाई राणाभाई गामणा (वाचा)
कुल पाना - 128
आज रोज ता.19/11/2017 ने मागशर सुद-1 (ऐकम) ने रविवार ना रोज सवारे 5:30 श्री नामलबेन राणाभाई गामणा (गढवी) रामचरण पामेल छे अने तेमना द्वारा संकलन-संपादित पुस्तक
"वरदाळी ने वंदना"
ई-बुक स्वरूपे चारणी साहित्य पर मुकवा अने कायमी सम्भारणा रुपे आजे तारीख 19-11-2017 ना देवलोक पाम्या होय तो तेओ श्री नामलबाई राणाभाई गामणा नी पुण्य स्मरण यादि स्वरूपे आ पुस्तक तेमना पुत्र
श्री किशोरभाई राणाभाई गामणा (वाचा) मूल गाम माड़ी हाले जलाराम ट्रासपोर्ट राजकोट तरफ थी मळेल छे
सौजन्य
श्री किशोरभाई राणाभाई गामणा (गढवी)
गंगोत्री पार्क-2, रेल नगर मेईन रॉड, राजकोट
मो :- 98253 25480
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श्रध्धा सुमन दोहो
तू जननी तू जगदम्बा, तू इस्वर ने तात,
विहरि पण विसराय ना,माड़ी नामल मात,
स्मरण अने सत संग ना,ते तो अमि पाया आई,
ई संस्कृति सँस्कार ने,तारा बाळक भूले न बाई,
परमकृपाळु परमात्मा ऐमना दिवंगत आत्माने शांति आपे ऐवी मां भगवती पासे प्रार्थना
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