*गोवर्धन पूजा वखते घटेली घटना नु वर्णन*
*✍छप्पय✍*
*अडग खड़ग अह्रींमान,बढ्यो जम्म वेग बछुट्यो,*
*मूसळ मथ्यो नही मान,त्राटकी धरिखम टूट्यो,*
*फर फराट धर फरत,समीरा घोर सुराट्यो,*
*अंधकार पर अरक,निरख नही सात दी नाट्यों,*
*दिगपाळ दैव जब दाख़ियो,परबत धर्यो गोपाळने*
*चूर चटक अभिमान चित्त,कह मीत भजो कीरपाळने,(1)*
*✍छप्पय✍*
*विकट चंड व्रेहमंड,पंड पाखंड प्रगट्यो,*
*निकट मंड नर्तण्ड,बंड दिग्गम्बर बाटयो,*
*तरफराट तरफळे,थळे नभ गाज न थाक्यो*
*दळ ऐरावत दळे,नडे पुर सरीते नाख्यो,*
*मद घेल भयो महाराणते,स्वर्गाय छोड़ आव्यो घरे*
*चूर चटक तोड़ अभिमान चित,हर मीत इंद्र नम्यो हरे(2)*
*🙏~~~मितेशदान(सिंहढाय्च)~~~🙏*
*कवि मीत*
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