*छंद मालती*
*(भक्त प्रह्लाद)*
धर पाप धपे,जग नाथ जपे,
हरे नाम हजु,गण साद गजु,
*(विभीषण)*
दल हित दुरे,बहु वित्त बुरे,
जरे कूळ जदे,त्रुठे राम तदे,
*(भक्त ईशरदाश)*
सम दरे सुरो,गयो एक गुणी,
हिए नाम हरी,रजुवात ऋणी,
*(मीराबाई)*
वर तुही वर्यो,खुद नाथ खर्यो,
तप नाह तर्यो,जप्प तप्प जर्यो,
*(भक्त नरसिंह मेहता)*
मध रात मथे,को केदार कथे,
शिव रूप सजे,तुव तेज तजे,
*(स्वामीनारायण)*
नह वेश नतो, हरि हर हतो,
सत पालन सय,वट राखत वय,
*(जलाराम)*
जली याण जुदो,अखियात उदो,
वीर पुर विठो,दल मीत दिठो
*🙏---मितेशदान(सिंहढ़ाय्च)---🙏*
*कवि मीत*
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