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26 दिसंबर 2018

||आवड आरदा || || कर्ता मितेशदान सिंहढाय्च ||

।। आई आवड़ माताजीरो  छंद ।।

           *।। दोहा ।।*

हिये रह चवा हेतवी,
जगदंबा जगराय,
आवड़ आस पुरण असो,
मा दल तु मितराय,

*।। रूप मुकुंद छंद  ।।*

अज हर अळा अक,
दमणे कूड दख,
भवन निरख भर,
पालक माँ,

गज व्योम धोम धक,
थल हले तप थक,
कोप करन्तक,
चालक माँ,

पर त्रुठ पिरापर,
क्रोध क्रिपाकर,
मेह वरसाकर,
माफ़ कियो,

जय जोगण जापुय,छंद उवाचूय,आवड़ याचुय,राह दियो

*।। हनुमतफाल छंद ।।*

तुहि तेमड  रुप  धरंत,
जद राजसथान जपंत,
तुहि तारण देशन भार,
वदु मुख आवड़ जयकार,

        *।। हिरक छंद ।।*

मुज तात मुज जात मुज मात आप ही,
मुज व्हाल मुज हाल मुज काल आप ही,
मुज ज्ञान मुज मान मुज शान आप ही,
मुज सर्व पर्व तेज चयन आवड़ आप मेज,

    *।। चंचला छंद ।।*

वृख त्यों वदे धरेसु लोक पाव नाखही,
तार दन मान चारणा कणा तणा तही,
शक्ति रक्त प्रेम प्राण सु विचार सार तू,
मावडिय प्राथ मित कु विकार मार तु,

    *।। उध्धोर छंद ।।*

मद थल मटण कज तू मात
अचरज अवर  देखत  आत,
सत चित पावन कारी साय,
मन मित आवड़ तु महिमाय,

*।। सालनी छंद ।।*

सरे कियो तु सोषण शक्ति,
भरे हियो तु  पोषण भक्ति,
तरे  हरे  तु त्र्योपट  तक्ति,
वदे करे  तू आवड़   वक्ति,

      *।। तोमर छंद ।।*

अविचळ जय नाद आई,
पूरणत  पर  ताप  पाई,
अनहद रव कीरत आप,
जय जय मित जपत जाप,

*कर्ता :- मितेशदान सिंहढाय्च*
*दिनांक :- २५/१२/२०१८*
*समय : १२:२७ रात्रि ।*

*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*

*कवि मित*

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