. *क्षमा याचन स्तोत्र*
. *रचना:जोगीदान चडीया*
. *छंद:भुजंग प्रयात*
गियो हीबकी हुं तुने खुब गोती, जनेता छुपी रई बधुं आप जोती.
पखाळुं हवे पांपणें ढोळ पानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
01
भुलो होय तो मां भूलो भाव भोळे, खिलावो सदा बाळ ने लईन खोळे.
गणीं ने न त्याजो अमुंने गुमानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
02
रह्यां व्योम ने धर रुंवे रुंव राची, सनातन तणों सार तुं ऐक साची.
तरे भव तवां नाम जो गाय तानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
03
खम्मां बोलनारी तुं ही तुं खलक्के, पुकार्याय भेळी पुगे तुं पलक्के
जण्यां ना दरद ने सदा जाय जानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
04
घणां लोक थाक्या पुकारी पुकारी, अमुं ने लीधा एक सादे उगारी.
कृपाळी हवे छोडज्यो ना कबांनी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
05
अरज मा अमारी सुंणी आप आवी, प्रगट्टी भवां बाळ तारो प्रखावी.
मयां तोतरी आरदा लीद्ध मानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
06
अदेहा छतां दिव्य देहे द्रसाती, वळी व्योम नो विंझणो मात वाती.
उभी क्रोड सुर्यो तणां तेज तानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
07
द्रस्या अणद्रस्या चौद ब्रह्मांड चंडी, दियाळी तमांणे तो ए पांव दंडी.
अनंता द्रस्युं ई तवां ऐक आनी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
08
अमुं बाळ तोळां महा आप माता, जुगोथी पुरांणां मया बाळ नाता.
तुंही सर्व मां सर्व सर्वा समानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
09
अमे शुं तमांणा गुंणो मात गाये, विराटा सतक व्योममां न समाये.
छतां काली घेली बक्यां बाळ बानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
10
प्रगट छो भवानी प्रलंबा प्रमानी, जिभासण बिराज्यां मया दास जानी.
कबुं जोग चडीये वदी हो कुबानी, क्षमा कर क्षमा कर क्षमा कर भवानी.
11
(अगियार नो अंक एटले लिधेल कारण के तेमां बे एक छे..अर्थांत बेय एक छे..दैत नथी..अने एक पोते एक मां मळे तो बे थाय..शिव शिवा..दैत दर्सावनी अद्वैता महा शक्ति ने वंदन)
*रचना: जोगीदान चडीया, मो.नं.9898360102*
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