प्रातः स्मरणीय प.पु.आई श्री हांसबाई मां (मोटा रतडिया मांडवी कच्छ)नो 91 मो जन्म महोत्सव वसंत पंचमी ता.10-02-2019 ना रोज उजवाशे ऐ निमिते चारण महात्मा पालु भगत ववार कच्छ हाले काळीपाट राजकोट रचेल ऐक रचना आपनी समक्ष मुकववानुं नानकडो प्रयास करेल छे.
भजन
--------------------
--------------------
माडी तने वंदन हांसबाई मात....
वंदन हांसबाई मात, पवित्र देवी तुं प्रख्यात .... माडी
वंदन हांसबाई मात, पवित्र देवी तुं प्रख्यात .... माडी
भलुं करवानी भावनाथी नोतरी आखी नात ;
हूंफ, आशिष ने हिंमत आपे, हैयामां हरखात ... 1
हूंफ, आशिष ने हिंमत आपे, हैयामां हरखात ... 1
अपलखण ने आळस ईर्षाना जगतमां उत्पात ;
ऐनुं निवारण करवा आई तुं मथे दिवस रात ... 2
ऐनुं निवारण करवा आई तुं मथे दिवस रात ... 2
चींधे छोरुने चूको न चीलो, किये वालप साथे वात ;
सुमति राखशो तो सुखी थाशो, जाळवी राखजो जात ... 3
सुमति राखशो तो सुखी थाशो, जाळवी राखजो जात ... 3
श्रद्धा, विश्वास ने राखे सबूपूरी तो दर्शनथी दुःख जात ;
सदा कृपाळु शिवने सेवे, भवनी टाळे
भ्रांत ... 4
सदा कृपाळु शिवने सेवे, भवनी टाळे
भ्रांत ... 4
. दोहा
हां गीता का तत्त्व है, स शास्त्र का सार
बाधा हर हर भजन ते ईश्वर के आधार
बाधा हर हर भजन ते ईश्वर के आधार
रचियता :- चारण महात्मा पालु भगत ववार कच्छ हाले काळीपाट राजकोट
टाईप बाय :- www.charanisahity.in
संदर्भ :- आईश्री हांसबाई मां गुणगाथा पुस्तक मांथी
वसंत पंचमी सुधी रोज हांसबाई मांनी विविध कविओ रचेल रचनाओ आपनी समक्ष मुकवानो नानकडो प्रयास करीश.
आवतीकाले कवि अनुभा नी रचना
गोत्र नराने गात तात नाराण तपेश्वर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें