प्रातः स्मरणीय प.पु.आई श्री हांसबाई मां (मोटा रतडिया मांडवी कच्छ)नो 91 मो जन्म महोत्सव वसंत पंचमी ता.10-02-2019 ना रोज छे ऐ निमिते तेमनी ज रचेल ऐक रचना आपनी समक्ष मुकववानुं नानकडो प्रयास करेल छे.
शिव स्तुति
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रटो शिवनाम
जपो ओमकार
तमे हो जंगल के वासी ....
आजु ऐ बाजु ऐ झाडी बिराजे
वचमां भूतनाथनुं धाम....
डाबी बाजु उमियाजी बिराजे
खोळे बेठा गणनाथ....
तमारे चरणे गंगाजी वहे
जेनां निर्मळ नीर ...
मध दरियामां बेडी अमारी
तारी करो भवपार....
दो कर जोडी "हांसबाई" गावे
तम चरणे शिश नमावे....
जपो ओमकार
तमे हो जंगल के वासी ....
आजु ऐ बाजु ऐ झाडी बिराजे
वचमां भूतनाथनुं धाम....
डाबी बाजु उमियाजी बिराजे
खोळे बेठा गणनाथ....
तमारे चरणे गंगाजी वहे
जेनां निर्मळ नीर ...
मध दरियामां बेडी अमारी
तारी करो भवपार....
दो कर जोडी "हांसबाई" गावे
तम चरणे शिश नमावे....
रचियता :- प.पु.आईश्री हांसबाई मां
टाईप बाय :- www.charanisahity.in
संदर्भ :- आई श्री हांसबाई मां गुणगाथा पुस्तक मांथी
वसंत पंचमी सुधी रोज हांसबाई मांनी विविध कविओ रचेल रचनाओ आपनी समक्ष मुकवानुं नानकडो प्रयास करीश.
आवतीकाले चारण महात्मा पालु भगत ववार कच्छ हाले काळीपाट राजकोटनी रचना
माडी तने वंदन हांसबाई मात....
वंदे सोनल मातरम्
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