प्रातः स्मरणीय प.पु.आई श्री हांसबाई मां (मोटा रतडिया मांडवी कच्छ)नो 91 मो जन्म महोत्सव वसंत पंचमी ता.10-02-2019 ना रोज उजवाशे ऐ निमिते माणेकभाई थार्या गढवी नी ऐक रचना आपनी समक्ष मुकववानुं नानकडो प्रयास करेल छे.
छंद हरिगीत
रचना :- माणेकभाई थार्या गढवी
भली भोळी भगवती जनजनने मन भावती
आवो बेटा खावो, बुलंद कंठथी बोलवती
जाई चरणे झुकता ऐना वारणे विघ्नो हरे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे....
आवो बेटा खावो, बुलंद कंठथी बोलवती
जाई चरणे झुकता ऐना वारणे विघ्नो हरे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे....
जूठो बंधन जगतनो ऐक झाटकामां तोडियो
भूतनाथनी भगति तणो, रूदिया महीं रस घोळीयो
प्रेमघेली घेली मा गात्राळने राजी करे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
भूतनाथनी भगति तणो, रूदिया महीं रस घोळीयो
प्रेमघेली घेली मा गात्राळने राजी करे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
बूढा शरीरे बाई भीतर साव नानी बाळ छे
मरमाळ छे मायाळ दिल दरियावथी विशाळ छे
विकराळ वीफरे वाघ जेवी,असुर वृत्ति उपरे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
मरमाळ छे मायाळ दिल दरियावथी विशाळ छे
विकराळ वीफरे वाघ जेवी,असुर वृत्ति उपरे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
जोगी वहाला छे बहु गमतो वतन गिरनार छे
जनम अगले जोगणीना ऐ बधा आचार छे
सत् धर्मनां तेज मुख पर त्याग साथे तरवरे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
जनम अगले जोगणीना ऐ बधा आचार छे
सत् धर्मनां तेज मुख पर त्याग साथे तरवरे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
सत् दया तप शोच ऐवा सद्गुणोनी शोभती
"माणेक" मिथ्या मान धननी लालचे नव लोभती
भजन बळथी भेळीयावाळी मोज आपे ने करे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
"माणेक" मिथ्या मान धननी लालचे नव लोभती
भजन बळथी भेळीयावाळी मोज आपे ने करे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
धन धाम रूडो रतडियो जगदंब चारण जातनी
पिता नरा नाराण ने घन गोद गोरबाई मातनी
मा विनाना देव शिवनी आश पूरी ऐ करे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
पिता नरा नाराण ने घन गोद गोरबाई मातनी
मा विनाना देव शिवनी आश पूरी ऐ करे
हंसबाई हसते मुख हेते महेरर्दष्टि मा करे...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें