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*🌹🌹🌹छंद=हरीगीत🌹🌹🌹*
*चल छोड दे अब छोड दे तुं वृथा चिंता छोड दे.*
*ताहरे अधीन है कर्म तो तुं कर्म नाता जोड दे.*
*होनी हरीवर हाथ रखियो सकल फिर जंजाळ है.*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*अब चल पुरानी़ प्रगट ज्योती लक्ष पर तुही ध्यान दे.*
*पारस पडा़ है पास तेरे हर घडी मे ग्यान दे.*
*क्षण क्षण जिवन की स्वर्ण कर दे सच्च यही संभाळ है.*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*शाश्र्वत तुंही चेतन गतिमय पथ्थ जिवन परिणाम दे.*
*पुरूषार्थही पहचाऩ तेरी सबलकर अनजा़म दे*
*धर्मा आदि फल देवन प्रभु वो परखही प्रेमाळ है.*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*तेराही पथ्थ तुंही पथिक बन परख मंजिल धार दे.*
*अवीरत सतत तेरी गति पर हा नीयत विस्तार दे.*
*प्रारब्ध वश सब प्राप्त है जियो पूर्व की परीथाळ है.*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*अपनाही खुदका बन दियाँ तु विषद् संशय छान दे.*
*तेरा किया तुंज को मिलेगा कबुल कर भुगतान दे.*
*फल दिऐं बीन तो कर्म तेरे खडा ज्यु महाकाळ है.*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*अब उठो उद्यम् शील साधो परमहित कर ठान दे.*
*हे ग्यानग्रृह मंगलश्रवो धन त्याग तप परमान दे.*
*दंद्वा परे कर कर्म सुचीता वही पूजन माळ है.*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*परमादही परीवर्त संकट दुखद मुल आधार दे.*
*प्राक्रम करो वंदन बृहद तो सुखद मुल साधार दे.*
*सुक्रत करो शुभदा प्रवीन वर गुण ग्रहो निजढाळ है*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
*अमलुख समय पहचाऩ पहले खडो अवसर हाथ दे*
*कुछ सोच़ मनवा सोच़ मनवा त्यों हरीवर साथ दे*
*हा वदत वेदाश्रय श्रुती विज कहत प्रभु किरपाळ है*
*ईश्र्वर चरण ग्रह ललीत मनवा अवर माया जाळ है.*
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*रचिता=चारण विजयभा हरदासभा बाटी.*
*मो=97263 64949*
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