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29 अगस्त 2019

||सूर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान सिंहढाय्च ||

*(11-08-2019)*

*पटाधरा परमेश,प्रछट प्रतिपालक धर पर,*
*पटाधरा परमेश,कष्ट हरणा किरपाकर,*
*पटाधरा परमेश,विश्व  वैराट  विरांगण,*
*पटाधरा परमेश,जोग जयकार जपत जण,*
*कर नर समर सुरापत कामण,यवन उगारण आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,म्हावत मित गजधर माप*

*(12-08-2019)*

*पुण्य तणु परमाण,भाण भव कारण भज्जु,*
*पुण्य तणु परमाण,राण रिपु तनछड रज्जु*
*पुण्य तणु परमाण,आण अमीरात उभरती*
*पुण्य तणु परमाण,ज्योत जीवन नित जरती*
*परताप पुण्य पावन पतित,अरु अतीत उगारया ते*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,आ मित प्रतापोय ए*

*(13-08-2019)*

*सुष्म किरण नी शान,भिन्न बिंदु बांद्यु भव*
*सुष्म किरण नी शान,रखण सुसवाट सघन रव*
*सुष्म किरण नी शान,धवल अंबर तरु धारी*
*सुष्म किरण नी शान,विनय सर वित्त ग्यु वारी*
*जड चेतन धरणाय जशो,असो रूप किरण अनंत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी,काटण मित  फंद सु कंत*

*(14-08-2019)*

*चो घड़ियां चितराव,रूडा परमेश रिझावो,*
*चो घड़ियां चितराव,कुंज कानडसुर क्हावो,*
*चो घड़ियां चितराव,अमीर आभा अंबरपर,*
*चो घड़ियां चितराव,चढ़यो सुर आभे चितरकर,*
*चो घड़ी समय हर वार चढी,हर नभ सुर ले हरनाम*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,कोटी मित ल्यो शिवकाम*

*(15-08-2019)*

*सेज धरा नो संप,जुवो बांध्यो सुर जग्गे*
*सेज धरा नो संप,रक्त वादळ मन रग्गे*
*सेज धरा नो संप,तृण भीना सज्जे तर*
*सेज धरा नो संप,समन्वय भाई बन्यो  सर*
*आगम अवीरत वहन अती,आ संप धरा नो आज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रूदिये हर वस मित राज*

*(16-08-2019)*

*ईश्वर आप अजाण,नथी धरती ना नारे,*
*ईश्वर आप अजाण,देव दातार दुवारे,*
*ईश्वर आप अजाण,अंग रक्षक उजियारा,*
*ईश्वर आप अजाण,पुरण घट प्रातः प्यारा,*
*एक ईश्वर आप सु आरदा,आ धर तुज विण ना आज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रहजो  अनंत   रविराज*

*(17-08-2019)*

*भरणत पोषण भाण,कान रूप कंश हण्यो कर,*
*भरणत पोषण भाण,विश्व ब्रह्मांड बण्यो वर*
*भरणत पोषण भाण,दसे अवतार द्र्शाया,*
*भरणत पोषण भाण,जश्न आभा जशगाया*

*(18-08-2019)*

*सज्ज गजब्ब तु सत्त,शक्त समरथ सजग्गीय,*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,गत्त ज्ञानंत गरज्जीय*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,पत्त राखण धर पुग्गीय*
*सज्ज गजब्ब तु सत्त,दत्त देवा गुण दुग्गीय*

*(19-08-2019)*

*हण्यो पाप होकाट,वखत धर आप विदार्यो*
*हण्यो पाप होकाट,ध्रम तप्प तप्पये धार्यो,*
*हण्यो पाप होकाट,बही फर चक्र ब्रहम्मा,*
*हण्यो पाप होकाट,खलक पर करतो खम्मा,*

*(20-08-2019)*

*व्योम धरा वरदान,तुही अनुदान तराजु,*
*व्योम धरा वरदान,तुही कामण कर ताजु,*
*व्योम धरा वरदान,सदा समरथ दन साजु,*
*व्योम धरा वरदान,लरण वंदन रख लाजु*

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