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23 सितंबर 2019

|| सूर्यवंदना छप्पय || || कवि मितेशदान(सिंहढाय्च) ||

*|| सूर्यवंदना ||*
*|| कवि मितेशदान सिंहढाय्च ||*
*|| छप्पय वंदना (11-09-2019 थी 20-09-2019) ||*

*(11-09-2019)*

*राग तेज रणकार,तेज धर दीप त्रफ़ट्टे,*
*राग तेज रणकार,पुंज पाडत नर पट्टे,*
*राग तेज रणकार,सप्त सूर एक सुरज्जे,*
*राग तेज रणकार,गांध्र्वा नाद गरज्जे,*
*एक राग अजायब आपनो,जे तारण लोक तमाम*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,नित गावत मित हर नाम*

*(12-09-2019)*

*बड़ा भाग्य बलवान,कर्म संगी तुज कारण,*
*बड़ा भाग्य बलवान,अहम छय काट उदारण,*
*बड़ा भाग्य बलवान,देव साचो दरशावण,*
*बड़ा भाग्य बलवान,भानु सुध मन्न सु भावण,*
*अम भाग्य उजागर आपथी,सुर सदाय रहेजो साय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रिदये मित रहेजो राय*

*(13-09-2019)*

*अखंड ज्योती आप,प्रकाशी भोर परोढे*
*अखंड ज्योती आप,आभ जग्गे सुर ओढ़े*
*अखंड ज्योती आप,दिव्य परमात्म दीपावे*
*अखंड ज्योती आप,छळ कपट तोड छीपावे*
*भव झंखे ज्योत भवाननी,ए प्रज्वलित परकाश*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अंजळ सुर आपत आश*

*(14-09-2019)*

*सत्य सनातन सूर,नयन नव नुर निरंजन*
*सत्य सनातन सूर,भवन भगता नरभंजन*
*सत्य सनातन सूर,कला धरतु कळजुगे*
*सत्य सनातन सूर,अवन जीव अंजळ उग्गे*
*सुर एक आपही सत्य सदा,अरु द्रशे न को धर देव*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,तुज रटण सदा मित टेव*

*(15-09-2019)*

*प्रगट्यो आभ प्रकाश,एक अजवाश उजार्यो*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,समय ने सर कर सार्यो*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,जीवन मातर तु जगपर*
*प्रगट्यो आभ प्रकाश,सृस्टि पर आप सुरजवर*
*अद्भुत अजय धर आवियो,प्रगट्यो धर किरण पुंज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,करुणा घट भरणा कुंज*

*(16-09-2019)*

*दीन दयाळ दिनेश,कवन तव रूप कृपाला*
*दीन दयाळ दिनेश,नित्य नमणा तप न्याला*
*दीन दयाळ दिनेश,प्रभु तु पालनहारी*
*दीन दयाळ दिनेश,सनातन देव सुखारी*
*जग थी जुदीय तुज जातरा,दिन ईश उजारत द्वेष*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,विण बदल सुरा मित वेश*

*(17-9-2019)*

*प्रभु अमारे प्राण,तेज आधार तमारो*
*प्रभु अमारे प्राण,जोग जिवतर जिवनारो*
*प्रभु अमारे प्राण,टक्यो आ दन का ताकी*
*प्रभु अमारे प्राण,परे खतरा ग्या पाकी*
*परमात्म तणा आ प्राण परे,सुर आश तमारो साथ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,हरदम जोडू मित हाथ*

*(18-09-2019)*

*अनहद प्रीत अमाप,राण अम उरमा राखी*
*अनहद प्रीत अपार,देव जोवो नित दाखी,*
*अनहद प्रीत अपार,हेत उभरे  हैयाथी,*
*अनहद प्रीत अपार,सर्व संसार तु साथी,*
*प्रथमी ह्रदये प्रित प्राणनी,आ प्राण प्रमेहर आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जपिया मित सुरजण जाप*

*(19-09-2019)*

*नवज्योते नाराण,जगत जबरू जळकाव्यु*
*नवज्योते नाराण,वात आ वरण वसाव्यु*
*नवज्योते नाराण,नयन सुर तेज नखाव्या*
*नवज्योते नाराण,धर्मकुट जाल धखाव्या*
*आ अमर ज्योत परे आपनु,जळकेय नवोदित जग्ग*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,राजी रुधिरा मित रग्ग*

*(20-09-2019)*

*दस अवतारी  देह,नवे ग्रह हाथे नमता,*
*अस्ट योग पर आप,सप्त सरिता जळ समता*
*षडऋतु धरणी स्तंभ,पंच धर अंग प्रमाणे*
*चतुर्थ आश्रम चाल,जीव त्रय घटक सु जाणे*
*द्वि कर्म सदा मानव दरे,आभे सूर निरखे आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,प्रथमी मित काटो पाप*

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