*|| सुर्यवंदना ||*
*|| मितेशदान सिंहढाय्च ||*
*|| ता: 21-09-2019 थी 30-09-2019 ||*
*(21-09-2019)*
*आप तणु आराध्य,सदा समरथ सुख सारे,*
*आप तणु आराध्य,जीवन षड रोगो जारे*
*आप तणु आराध्य,ज्ञान विज्ञान गुणावे*
*आप तणु आराध्य,शांत स्वरनाद सुणावे*
*है ईश्वर तुज थी हयात,आ लोक जीवन अविरत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,समरथ मित आभे सत*
*(22-09-2019)*
*परम ध्यान प्रज्ञान,ताप परताप तिहारो*
*परम ध्यान प्रज्ञान,आप अम जीव उजारो,*
*परम ध्यान प्रज्ञान,धरम काजे धरणीधर*
*परम ध्यान प्रज्ञान,आव अवतारी ईश्वर*
*कई रोग कुळा जे कठणपणा,ए ज्ञान विनाना घोर*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भव फंद कटे मित भोर*
*(23-09-2019)*
*संयम सार सुजावे,निर्गुण दोष निवारे,*
*पाप सदा परखावे,आवी आभे उजारे,*
*अंध दोष अटकावे,लावी तेज लगावे,*
*खुद आवी खावरावे,धन सुखलाभ धरावे,*
*बहु हेत दुलारो भाणलो,आ ऊभोय खोळी आभ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,लहू चलण पमावत लाभ*
*(24-09-2019)*
*अभय आप अविभूत,देव दातार दानाउत,*
*अभय आप अविभूत,दियो अवनी हर हर दूत,*
*अभय आप अविभूत,श्वास तव श्वास सज्या सौ*
*अभय आप अविभूत,देव नित वंदन हु दौ,*
*अभयापद सूरज आपनु,अम तन्न उजागर आप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जनमित नित जपता जाप*
*(25-09-2019)*
*विश्वासू विद्वान,नियम सु चाकर नारण*
*विश्वासू विद्वान,भोर पड़ता तम भारण*
*विश्वासू विद्वान,अमर सुखदेव अमारा*
*विश्वासू विद्वान,सदा निर्विघ्न सकारा*
*विश्वास सदा वीर आपनो,के भोर प्रगटशे भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,ए मित नही रह्यो अजाण*
*(26-09-2019)*
*जटा काल महाजोर,तपे जग ने पण तापे*
*जटा काल महाजोर,थळ अग्नि जल थापे*
*जटा काल महाजोर,भोर ब्रह्मांड भमीने*
*जटा काल महाजोर,नाथ अवनी घर नीमें*
*निरखे नयणे नारायणा,तुव जटा किरण तपताय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जोगी रूप प्रगट जणाय*
*(27-09-2019)*
*शक्ति स्त्रोत समरथ,भक्ति भवनाथ भजावे*
*भक्ति भुवन पर भाव,अग्ति अविनाश अजावे*
*अग्ति विसारण आप,मुक्ति सर मार्ग मळावे*
*मुक्ति विना नय मेळ,जीव चोटे जंजाळे*
*भक्ति करता मित भाणनी,गुण शक्ति मन गरवाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,जे श्वास पुरी समराय*
*(28-09-2019)*
*भादरवे आ भाण,कळा शु कामणगारी*
*ताप चिलानो ताण,भुवन पड़ीयो तु भारी*
*मन भरिया जळ मेह,आषाढे जरा न आव्या*
*वरहादी सुर वेह,भाण भादरवे भाव्या*
*घनघोर चडी आभे घटा,ने वर्षयो मेहुल वाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी पड़े,सुरमित करजो अम साय*
*(29-09-2019)*
*शक्ति आद्य स्वरूप,भाण दिवड़े भभकाव्यों,*
*शक्ति आद्य स्वरूप,गाज विज गुण गवराव्यो*
*शक्ति आद्य स्वरूप,पुंज धर तेज़ पुराणा*
*शक्ति आद्य स्वरूप,पुत्री शैलीय पूजाणा*
*प्रथमी धर शक्ति प्रगटीया,आई ए धर्यो अवतार*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,सुरज प्रगटावीय सार*
*(30-09-2019)*
*सुर आतम सतकार,तेज रणकार तत्वनो*
*सुर आतम सतकार,सहज सुर भाव सत्वनो*
*सुर आतम सतकार,रिदय आंगण मित राजा*
*सुर आतम सतकार,समरता सौ सुख साजा*
*हरिवर सुर तारा हेतथी,जीवन ज्योति जागती*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भळ तम्म प्रभातुय भागती*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
*कवि मित*
9558336512
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