*निंदा कर के देख ले*
सुख को दूर भगाना हो तो निंदा करके देखले
सोते शत्रु को जगाना हो तो निंदा करके देख ले
मिला ज्ञान भूल जाना हो तो निंदा करके देख ले
नर्क यातना को पाना हो तो निंदा करके देख ले
आंखों से नींद हटाना हो तो निंदा करके देख ले
भरम परदा लगाना हो तो निंदा करके देख ले
तुम सुधरो जग सुधरे,खुद सुधर करके देख ले
वो अपना कर्म करें,देव तूं अपना करके देख ले
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया,मुंद्रा
कच्छ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें