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1 दिसंबर 2017

राम नाम में विराम

राम नाम में विराम

रचयिता: राजकवि  पिंगलशीभाई पाताभाई नरेला . भावनगर

                         दूहो

राम  राम मुखते  रटो, राम नाम  सुखधाम
बिना भजन नर बावरे,सब हे काम नकाम.

और हे नकाम काम  काम नारिका गुलाम,
धंधका  अपार धाम, राम नाम में विराम.......1

कीर्तिका हमेश काज, ले लाभ जात लाज,
दुःख देत  पास  दाम, राम नाम में विराम......2

राजधानीका  प्रधान भूप  कोपते बेभान,
कोउ ना करे सलाम, राम नाम में विराम.......3

खेभका उधोग खास, नीरका कबु न नास,
गंजता  दुकाल  गाम, राम नाम में विराम.......4

संपति  अति शराफ, खुटता बके खीलाफ,
देखता नही  बदाम,  राम नाम में  विराम......5

भक्ति में विशेष भाव, सर्व जिव का बचाव,
पिंगल करे  प्रणाम,  राम नाम में विराम........6

अनिरुद्ध जे. नरेला ना जय माताजी
राम नवमी नी शुभेच्छा.

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