लाजाळुंय लुंपी रीयो,मिहिर भलो महारांण
जमाई सामो जोगडा, भभको करे न भांण
जमाई सामो जोगडा, भभको करे न भांण
आजे सुर्य मांथी छुटी पडेल होई पृथ्वी सुर्य नी दीकरी लेखाय अने अने ई धरती नो धणीं मेहुलो पधार्यो होय त्यारे सामर्थ्य होवा छतां ससरो जमाई सामे पोतानो भभको न देखाडे ऐम नारायण आजे निकळ्या छतां लाज मरजाद थी लुपाया छे, आवा मर्यादा रक्षक नारायणने मारां नित्य वंदन छे,
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