डगे धर्म शीव धर डगे, पतंग ना निज पत्थ
जगमां को नई जोगडा, सुरज समो समरत्थ
धर्मराज डगी सके, शीव डगी सके पृथ्वी पण डगी सके, आ बधाय ना डग्या ना एक थी वधारे दाखला छे, पण जे पोताना नित्य पथ थी क्यारेय न डग्यो होय एवो कोई प्रकट देव होय तो ई समर्थ देव भगवान सुर्य नारायण छे जेने मारां नित्य वंदन छे,
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