, || भोमी पर भगवान ||
, रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)
. ढाळ: केने हवे केदी आवीस कान
, रचना: जोगीदान गढवी (चडीया)
. ढाळ: केने हवे केदी आवीस कान
केतो ग्यो छे कान, ज्यारे ज्यारे जासे ध्रम नी जान,
भूमी परे आवे छे भगवान ..टेक
भूमी परे आवे छे भगवान ..टेक
देव जातीयुं दारुं पीये एतो, अधम ना एधांण
नीचां करमो नोतरे एतो भूली कूळ नूं भान
भोमी पर आवेछे भगवान ०१
नीचां करमो नोतरे एतो भूली कूळ नूं भान
भोमी पर आवेछे भगवान ०१
रज्ज समुं ना राखे दीकरा, मात पीता नुं मान
व्रधा स्रम मां करे वेता, देता नई कंई दान
भोमी पर आवे छे भगवान ०२
व्रधा स्रम मां करे वेता, देता नई कंई दान
भोमी पर आवे छे भगवान ०२
हरीय आवी हीसाब करसे, नफट सूंण नादान
तेल कडा मां तावसे तने,बेहर पकडी बान भोमी परे आवे छे भगवान ०३
तेल कडा मां तावसे तने,बेहर पकडी बान भोमी परे आवे छे भगवान ०३
हरख थी जे सेवे हरी ने,मांणह एज महान
गळ्यां गुंणीयल ग्नान ना,ई प्रेमे करशे पान
भोमी पर आवे छे भगवान ०४
गळ्यां गुंणीयल ग्नान ना,ई प्रेमे करशे पान
भोमी पर आवे छे भगवान ०४
मेह्ता माटे मे वरहायो, जेर मीरा ना जान
चतूर भूज ने चारण चडीया, जोश्युं जोगीदान
भोमी परे आवे छे भगवान ०५
चतूर भूज ने चारण चडीया, जोश्युं जोगीदान
भोमी परे आवे छे भगवान ०५
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