छुपाववुं कोने गमे छे दर्द भीतर महीं
रमखाणो करे छे नित्य ए अंतर महीं
रमखाणो करे छे नित्य ए अंतर महीं
वातो घणी धरबी देवी पडे छे सुखी रहेवा
मले छे रोज एक दुश्मन मने स्वजन महीं
मले छे रोज एक दुश्मन मने स्वजन महीं
अमस्तु अमस्तु नथी मीलावतुं कोई हाथ अहीं
जणकतुं स्मित पण होय छे अहीं खंजर महीं
जणकतुं स्मित पण होय छे अहीं खंजर महीं
ठंडा वायरा फुंकाय तो सावचेत रहेजो "देव"
वंटोण पण हाजर होय छे आवा पवन महीं
✍देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
वंटोण पण हाजर होय छे आवा पवन महीं
✍देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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