-आई सोनल-
आई करी दऊं साद त्यां सोनल आई देखुं
भजुं भेरीयावाणी माँ तुज ने ज लेखुं
अवर नी नहीं आश तने समरुं श्वासोश्वास
शीश नमे फक्त तु ने मात ऐटलुं ज
हुं मांगु
पहाडा प्रदेश ना भेद सौ ते जो टाण्या
"देव" चारण ऐक धारण थाय फक्त ऐ ज याचुं
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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