जीवन अमी थी भरपुर छे
तुं जहेर शीद ने घोणे छे
स्वार्थ,प्रपंच,लालच साथे
आम शीद ने दोडे छे
नजीवी-नजीवी बाबत माटे
उश्केराय जतो छे तुं
आवा अमुल्य सबंधो ने तुं
आम शीद ने तोडे छे
अहम थी चो तरफो घेरायेल
रहेतो हंमेश छे तुं
कोई स्वजन नी लागणीओ ने
स्वार्थ थी शीद ने जोडे छे
मानवी मां रहेता ईश्वर ने फक्त
रीजवी ले ने हवे तुं
"देव" मंदीर-मस्जिद द्वार-द्वार
हाथ शीद ने जोडे छे
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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