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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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9 जुलाई 2016

आइ करुं छुं अरजी

🙏🙏 जय मां करणी 🙏🙏
🙏🙏 जय मां सोनल 🙏🙏


🌹मां तो कदी रिसाय नहीं पण बाळक सामे मां मीठी खीज करे.. पण छोरु ने एम थइजाय के मां रिसाइ गइ छे एने मनाववा माटे बाळक पोतानी कालीघेली भासा मां माने रिझववा नी कोसीस करे छे एवी चारण कवि दिलजीतदान बाटी नी अदभुत चरज 🌹

आइ करुं छुं अरजी मारो साद कां सुणे नइं
कया अपराधे करणी अमथी मुख मरोडी गइ

होय हजारो बाळ ना गुना,पण जननी जुए नइं
धाह सुणे तां ध्रोडती आवे,घटमा घांघी थइ

गण तोरा अवगण अमारा,त्राजवे तोळीस नइं
अंध लंपट नफट छोरुना,खाता खोलीस नइं

माफ करीदेने मीवडी,हवे नवा करसुं नइ
कीधा गुना मां विसरी जाने,राख शरणे राजी थइ

मढडावाडी मात आवो,हवे आइ अवतारु लउ
राह भूलेला ने वाळजे वाटे,दिलथी डारो दइ

मीट मंडाणी मढडे,बीजे चीतडुं चोटे नइं
मां विनाना देवना गुणला,गावा गोठे नइं

शीव ब्रह्मा हरि भुले भले,पण मात तुं मेलीश नइं
मा विहोणा देवना "दिलजीत" देवळ दीठा नइं


💐 रचना -- चारण कवि दिलजीतदान बाटी--ढसा 💐

🌷 टाइपिंग -- राम बी. गढवी 🌷
नविनाळ-कच्छ
फोन नं. --- 7383523606

🌹💐  वंदे सोनल मातरम 🌹💐

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