नीयम उग्या नारणा, भांण करे नई भंग
जग आखुं दे जोगडा, रांदल कंथा रंग
जे नित्य उगवानो नियम भांण क्यारेय भंग नथी करता, तेथी हे रांदल ना कंथ आ जगत आपने रंग दीये छे, तथा एक अर्थ मां रंग नी खामी दुर करवा आप रंग आपो छो एवा हे सुर्य नारायण ने मारा नित्य वंदन छे
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