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"जय माताजी मारा आ ब्लॉगमां आपणु स्वागत छे मुलाक़ात बदल आपनो आभार "
आ ब्लोगमां चारणी साहित्यने लगती माहिती मळी रहे ते माटे नानकडो प्रयास करेल छे.

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17 अगस्त 2016

सूर्य वंदना -17-08-16 रविराज भाचळीया

अरक जग उजाळवां, जैं, वालां प्रगट्यो व्योम,
भाचळीयो रवि भणे, तै, भलीं दिसंती बउ भोम,

हे भगवान सूर्य नारायण देव आप ज्यारे आखा जगत नें प्रकासीत करवां आभा मंडळे उगो छो नें प्रकार पुंज पाथरो छो त्यारे जगत नां जीव मात्र मां नवुं झोम अनें जुस्सो व्यापी जाय छे अनें आ भोम्यका बउं बधां नें भली लागे छे नें हरख नीं हेलीयुं मंडाई छे.... हे हरख दियण हेताळवां सूर्य नारायण देव आपनें मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो प्रभु.... 🙏🏼🌹🙇🏻🌞🙇🏻🌹🙏🏼

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