भळकडे भाव राखीनें, कोड थी भजां किरतार,
भाचळीयो रवि भणे,मोळे,भांण उतार्ये भव पार,
हे भगवान सूर्य नारायण देव आपनें कायम भळकडूं (वेल्ली सवार) थीये भीतर नां भाव थी भजीये छीये नें रसण थकी रटीये छीये जागीने आपनां नाम समरण ना कायम कोठे कोड राखीये छीये नें उंडाण थी याद करीये छीये... सदाय आ कपरा कळी काळ मां बधी बाबत नीं बदी थी बचावज्यो नें भाव राखीनें भव सागर पार उतारज्यो मारां वालीडां कोय जात्य नुं दुषण देह मां के मन मां प्रवेश नो करे ऐनीं तुं तकेदारी रखवज्ये हाथ थी के मन थी हीणुं काम कदी नो थाय ऐनुं ध्यान रखवज्यो नें कायम रदय मां तमाणां समरण रहे नें पार्य उतरी जाई ऐवी करबध्ध प्रार्थना छे परभुजी... नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो देव...... 🙏🏼🌹🙇🏻🌞🙇🏻🌹🙏🏼
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