परभाते नित पोरहथी, जपीये सूरज जाप,
भाचळीयो रवि भणे, उरजा पुरज्यो आप,
हे भगवान सूर्य नारायण देव हरोज सवारे वेला जागीने आपना जाप जपीये छीये तो आपने अरज छे के अमारा शरिर मां आप कायम सातविक विचारो नीं साथे साथे अलौकीक उर्जा पुरी पाडज्यो नें सौनुं भलुं विचारीये अनें भलुं करीये आपनें मारा नित्य क्रम मुजब हजारो हेत वंदन हो प्रभु..... 🙏🏼🌹🙇🏻🌅🌞🌅🙇🏻🌹🙏🏼
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें