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30 सितंबर 2016

आई श्री मीनळमां वंदना : रचना :- दिलजीतभाई गढवी

*आई श्री मीनळ मां वंदना*
            *चरज*
ढाळ..आवा कोई चारणो आवे

दर्शन देजो  देव दयाळी,
मीनळआई मांतू मायाळी;
         दर्शन देजो....टेक

आंख वाळा नव ओळखे तूने
अंतरनी ओळखाण,
ऐवा आई लक्ष्मी माऐ आपीयू माडी पूरण तारु परणाण,
श्रध्धा तेथी जीवने जागी,
लग्नी माना शरणे लागी;
            दर्शन देजो.....1

अनेक परचा आपना माडी विश्वमां विख्यात,
खरा वखते खंतथी आवी तारवा चारण नात,
पोतावट पाळवा वाळी,
वारु थई विहभूजाळी;
             दर्शन देजो....2

ऐज अवतारी आई मीनळ तूं रव वाळी रवराई,
चंडी चामूंडा चारणी तूं छो नेजावाळी नागबाई,
नकी मां तूं मढडावाळी,
प्रगट रुपे आई पूजाणी,
          दर्शन देजो....3

कृपा करीने करणी आवी मावडी मीनळरुप,
चरणे तारे शिष नमावे भयथी मोटा भूप,
सिंहण रुप चारणी तूं छो,
मैखासूर मारणी तूं छो,
         दर्शन देजो.....4

आई अमाणे आंगणे आवो दिव्य देवाने दिदार,
माफ करजे माडी बाळ *दिलजीतना* होय गूना हजार,
सूणी साद साबदी थाजे,
वेगे वारु करवा काजे,
        दर्शन देजो.......5

मां मीनळ आई नी वंदना
जागती ज्योत जगदंबा ने
दिलजीत बाटी ढसा जं. ना
जै माताजी सह करोडो वंदन
*मो.9925263039*

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