*जोता गांडी गीर*
भोणा मन ना मानवी अने भगवती घेरे घेर
जोता गांडी गीर जाणे कुदरती खोणे लहेर
डणकुं देता सावजो ने हीरण नी मीठी महेर
जोता गांडी गीर जाणे कुदरती खोणे लहेर
खोरडा काचा माटीना ने सौ थी छे मनमेण
जोता गांडी गीर जाणे कुदरती खोणे लहेर
हेत वरसतां साद छे ने महेमानी मां नहीं फेर
जोता गांडी गीर जाणे कुदरती खोणे लहेर
सींह जेवा मानवीओ रहेतां डालामथ्था भेर
जोता गांडी गीर जाणे कुदरती खोणे लहेर
मुख पर कही देता"देव",मन मां न राखे झेर
जोता गांडी गीर जाणे कुदरती खोणे लहेर
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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