*तो मजा छे*
अणगा ऊभीने रहेशो तो मजा छे
दुर थी ये होंकारो देशो तो मजा छे
संगाथे रहेवाना आ डोण शुं करवा
अंतर थी आवीने मणो तो मजा छे
पीठ पर ना वार बहु दुखे छे वहाला
सामे छाती आवी पडो तो मजा छे
आ मधुरी भाषा अमने नहीं फावती
कडवुं सत्य आवी बोलो तो मजा छे
मारी खामीओ नो जगमां प्रचार कां?
मने आवी मुख पर कहो तो मजा छे
नहीं कहुं मीत्रो नी मीत्रता खोटी"देव"
दुश्मनो जो दुश्मनी निभावे तो मजा छे
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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