धर्म नी हाटडी करे,ने वेचे निर्दोष जान
ऐवा गुरु थी चेतजे,ऐ घट नहीं भगवान
सत्य कहे न मुख पर,ने जुठाणा वखान
ऐवा गुरु थी चेतजे,जे सत्य थी अजान
भागला करे देशना,शहेर ने करे स्मशान
ऐवा गुरु थी चेतजे,राखे न वतन नुं मान
कर्म करावा ने कुडा,अवणु आपे ऐ ज्ञान
ऐवा गुरु थी चेतजे,जेनुं मृत्यु पामे ईमान
बोध आपे प्रेम नो,अने वर्तन नहीं समान
ऐवा गुरु थी चेतजे,जे खुद अबुध-अजान
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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