*ईश्वर*
वसे निर्मण मां,अभीमान मां नहीं
रहे छे ऐ प्रेम मां,अदावत मां नहीं
अलग-अलग नामे,छे पोकारी रह्या
वसे छे ऐ सर्वत्र ने,ओणखायो नहीं
निर्गुण निराकार ,छे ऐ समज बहार
खोली ह्रदय द्वार,ते बोलाव्यो नहीं
छोडी दे मोहजाण,मुक्त बनी महाल
आनंद थशे अपार,ते अजमायो नहीं
रहेठाणो शोधतो,भटके छे द्वार द्वार
'देव' छे अंतर मां,तोये शोधायो नहीं
✍🏻 देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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