आ जगत मा नारी नु महत्व बहु मूल्यवान छे,एक माता तरीके,तो क्याय ,बहेन तरीके,एमज दीकरी,पत्नी,मित्र तरीके पण,
नारी जगत ना दरेक परिस्थिति मा पोतने संभाळी सके तथा एना कुटुम्बी,एना स्नेहीजन तथा समाज ने पण एक मेक मा बांधी राखवानी क्षमता धरावे छे,
जीजाबाई,लक्ष्मी बाई तेना उदाहरण तरीके गणि सकाय,एवी वीर नारी शक्ति ने नमन छे🙏🙏
*|| रचना: नारी नु महत्व||*
*||छंद:सारसी ||*
*||कर्ता: मितेशदान महेशदान गढवी(सिंहढ़ाय्च) ||*
शुरवीर जे सुर साधती गुण विद्वता ना गावती,
पय खंत हेते हृदय व्हालप घूँटडा पिवडावती
शक्ति तणु सन्माननारी,पुण्य करदे पापने,
जननी त्रिया भगिनी सुता मुज सकळ वंदन आपने,(1)
गुण सेविया ते कान हाला गाई सुर हलकारिया,
सुत्तर विटोळी भ्रात कर मा शौर्य ने सतकारिया,
नित निडरता थी नार उभी साथ सब उण नातने
जननी त्रिया भगिनी सुता मूज सकळ वंदन आपने(2)
अदेखाय जे अटकेय एना कटक जड़बा काटती,
धर्मो थकी जे ध्यान धरती,बिरद गुण ने बाटती,
मन ज्ञान ना महेरामणों जे वधु सरती व्यापने,
जननी त्रिया भगिनी सुता मूज सकळ वंदन आपने(3)
हर क्षेत्र मे हर समय तू बन विजय गाथा ते वणी,
नर थी ऊपर रही खलकमे,नवरूप तू नारायणी,
जाणी जगत नी ज्योत जोगण *मीत* गुणला जापने,
जननी त्रिया भगिनी सुता मूज सकळ वंदन आपने(4)
*🌸🌹🌸महिला दिवसे दरेक देश नी सर्वे महिलाओं ने संबोधित महिला दिन नी खूब वधामणी🌸🙏🌹*
*🙏---मितेशदान(सिंहढ़ाय्च)---🙏*
*कवि मीत*
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