||छप्पय ||
||मितेशदान महेशदान गढ़वी(सिंहढाय्च) ||
*||दुर्योधन परास्त वर्णन||*
पटक दियो पद पाण,जांघ जब हाथ झटक्यो,
किरत दृस्टि किरपाण,भोर वातारण भटक्यो,
खिंच पाण लिय खोल,दुकळ दुरियोधन दिठ्ठो,
वर्यो युक्ति गज वीर,रियो हारन जब रिठ्ठो,
क्रित रच्यो खेल किरपाणको,डग दुरियोधन को डग्यो,
माधव छल मितन माणियो,भड़ लाते कौरव इ भग्यो,
*||भीम द्वारा दुर्योधन वध||*
व्रख्ख झट्टके पटक तट्ट,काटन बल कटकट,
खटक मन खटपट्ट दूरियोंधन हलबलेत दट,
द्रग्ग अगन घट वट्ट कौरवों परे पडे पट,
पांडव बल भर अट्ट,धुरंधर युद्ध चढ्यो झट,
एक परे एक प्राछट प्रहार,कर वार एकपद कौरये,
*मित* कहत गुणा पांडव मुखे,हर पीड़ प्रजा बल शौरये,
*🙏---मितेशदान (सिंहढाय्च) रचित---🙏*
*कवि मीत*
9558336512
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