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30 मई 2019

|| सूर्यवंदना छप्पय || || कर्ता मितेशदान गढ़वी( सिंहढाय्च) ||

*(21-05-2019)*

*🙏🌞सूर्यवंदना🌞🙏*

*काल नाथ किरपाण,कीरत दृष्टि आम काजे*
*काल नाथ किरपाण,करणबल द्यो कुलराजे*
*काल नाथ किरपाण,कंकटा जटा जकळ कर*
*काल नाथ किरपाण,कपट हर ताप झपट कर*
*कश्यप चवु मित किरांत कला,कपरा जप जोग कराल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,किरपानिधान कवि काल*

*(22-05-2019)*

*तीन चल्यो तमराण,दिन ढाल्यो दर दाखी,*
*तीन चल्यो तमराण,भिन्न भाज्यो भव  भव भाखी,*
*तीन चल्यो तमराण,बिरद रविराज भलो बल,*
*तीन चल्यो तमराण,द्रशत अजरा तल अही दल,*
*अमि रंग असर नयणा अचल्ल,जल हेम करुण दल ज्योत,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अचमन मित असर अमोत,*

*(23-05-2019)*

*खळ भुजंग खपराळ,हल्यो सर धरा अवन हर,*
*चकित काल चो त्राळ,थियो डगमग्ग  सरग थर*
*तप्यो उमड़ तमकार,चार दिश हले चमंको*
*जप्यो नाद नभ जाप,एक नही हल्यो अटंको*
*भमरे जदेय चल आ भुवन,अम आस पूरण अमरत*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,मित धर्योय अवल सुर मत*

*(24-05-2019)*

*प्रीतम प्राण प्रमाण,नाथ नारायण नवधा,*
*प्रीतम प्राण प्रमाण,अनध अविसारे अवधा,*
*प्रीतम प्राण प्रमाण,देवधिपति दिनारा,*
*प्रीतम प्राण प्रमाण,अनित अज राम अमारा,*
*पोषण प्रहार कर प्रेमथी,भरियो घट भव दल भार,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,साचो मित पावत सार*

*(25-05-2019)*

*चमर चढ़यो चळकाट,रंग खिल्यो बहु रंगी,*
*चमर चढ़यो चळकाट,जबर लाग्यो मन जंगी,*
*चमर चढ़यो चळकाट,मधुर तप सुरज मारू,*
*चमर चढ़यो चळकाट,विनयदल वंदन वारु,*
*कहु अजब कला शु कश्यपा,तुव रंग खर्यो बन ताप*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,अखिलेश परे मित आप*

*(26-05-2019)*

*चंद चमक थी चंद,सुरज चमके नै सामो,*
*चंद चमक थी चंद,अधूर घट पड़े अनामो,*
*चंद चमक थी चंद,तेज प्रति अरक सु ताबे*
*चंद चमक थी चंद,खलक घोळ्यु नभ खाबे,*
*चकोर दाग चंदे चढ़ेय,उण तेज उगार्यो आप,*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,परगुण मित टाळ्यो पाप,*

*(27-05-2019)*

*अग्नानन अद्भुत,दुत सत राह दिखावे,*
*अग्नानन अद्भुत,धुत पण तव गुण ध्यावे,*
*अग्नानन अद्भुत,किरण तेजस पथ करणा,*
*अग्नानन अद्भुत,तिमिर संग भव भय तरणा,*
*अद्भुत अगन सुर अवल अतः,धर सतह लगे नय धूर,*
*पट निहर  प्रौढ़ अवनी परे,नवरोज लगत मित नूर*

*(28-05-2019)*

*गजा चंद्र सम गोल,नही समतोले नारण,*
*अरक नाथ अनमोल,सही गुण बाता सारण*
*त्रया लोक नही तोल,जुगत कई भेद जमावे,*
*काल पण करे कोल,शगत सुर लोक समावे*
*भवसार निराकरनाथ भजु,मुलवान दुजो नय मोल*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,घट भले अवर मित घोल*

*(29-05-2019)*

*समदर आभ समान,आप सुर नाभी अचला*
*रूप तेज रतवान,काप कोटीय कवचला,*
*समर भाव दल सेज,जरा अमरा पल जाणो*
*अमर आप अमदेव,ताप त्रय विध सु ताणो*
*भरखो भवान कुटताप भरो,अम जाप सुणो अहिराण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजसु हर पल मित भाण*

*(30-05-2019)*

*भुवनईश भवराण,भगत विनवे निज भावे,*
*भुवनईश  भवराण,जगतपिठ कोइन जावे,*
*भुवनईश भवराण,सदा रहवे अम साये,*
*भुवनईश भवराण,अहरनिश भेर तु आवे,*
*मांडे पगला पथ मानवी,चाले दिश संगे चार*
*पट निहर प्रौढ अवनी परे,तद चहक्यो मित चितार*

*(31-05-2019)*

*किरण जपे किरतार,तपे वध घट उण तेजा,*
*किरण जपे किरतार,सदा उजळी अम सेजा,*
*किरण जपे किरतार,विरल विद विश्व विधाता*
*किरण जपे किरतार,दिनंकर नाथ तु दाता,*
*नित हरण रिपु सब किरण नमी,सुर जिरण बात हर सोम*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भाळत मित उगियो भोम*

*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*

*कवि मित*

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