*(01-10-2019)*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री धर नाम त्रीकाला*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री भुवन त्रोड़ण ताला*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री गुणा नाम तिहारे*
*त्रीजया त्रीकम तेज,त्री स्तरे शब्द तिहारे*
*त्री नाथ तिहारा तेजना,विद विद सुर करे वखाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजता मित हर दन भाण*
*(02-10-2019)*
*पुंज तणा परमाण,चौद रत्ना चमकाया*
*पुंज तणा परमाण,भक्त प्रह्लाद बचाया*
*पुंज तणा परमाण,जबर कई युद्ध जिताया*
*पुंज तणा परमाण,सत्य पर आप सवाया*
*सतकारुय सूरज साथने,जे हरदम रह्या हयात*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,संध्या मित सूरज सात*
*(03-10-2019)*
*पंचम तेज प्रमाण,प्रगट जग पावन पड़ता,*
*पंचम तेज प्रमाण,जोम आभे सुर जड़ता*
*पंचम तेज प्रमाण,शक्ति दिवड़े सरजाणा*
*पंचम तेज प्रमाण,नेह सुर उदित नवाणा,*
*पंचम दिवड़े घी पुंज पुरी,शक्ति सुर रमिया साथ*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,मित गरबा मुकिया माथ*
*(04-10-2019)*
*छबी निहारुय छठ्ठ,जगत अंबा नयने जे,*
*छबी निहारुय छठ्ठ,अरक चक्षु उगियो ए,*
*छबी निहारुय छठ्ठ,दिव्य जग तेज दिपाव्यो,*
*छबी निहारुय छठ्ठ,आद्य सुर आभे आव्यो,*
*जोगण आंखे तेजो जड्या,त्या खुलता आँखे तेज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,आभे मित सुरज एज*
*(05-10-2019)*
*सातम सायर सात,सात भव सुर समरांगण,*
*साते वार सखात,टेक अंका सुर टांकण,*
*सात अश्व ना साथ,सप्त आभे सुरज्जा,*
*सात शक्ति समराथ,भुवन सातो मन भज्जा,*
*जगदंबा कर चुड़ झगमगे,भभके सातम सुर भाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,पुजिया मित जोड़त पाण*
*(06-10-2019)*
*आठम आवड़ आइ,सात सह रास सजावे,*
*कर चुड़ कांकणधार,जड़ी सुर ज्योत जगावे,*
*ताल थिरक पर तेज,चोक कीर्ति चितरावे,*
*आवे सुर नो आथ,प्रफुलत पुंज पिरावे*
*शक्ति सब आठम साथ सजी,महिरख सुर माणे मौज*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,रुदये मित भजता रोज*
*(07-10-2019)*
*नवमे तेज नखाय,सुरज चडीयो नभ शाखे,*
*गुण चारण हर गाय,दियण हवने जप दाखे,*
*शगत सात समरथ्थ,पुरण सुर तेज पसारे*
*महा राण धर मथ्थ,ज्योत पर नमन जुवारे*
*धाबळीयाळीय धाम धमे,ज्या धुप गुगळ जळकाय*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,गुण मित छप्पय तुज गाय*
*(08-10-2019)*
*दस्से दानव देव,राम हणिया रणलंके*
*दस्से दानव देव,कुंभ त्रोडयो कलंके*
*दस्से दानव देव,सत्यजीत मीत सवाइ*
*दस्से दानव देव,पुरण सुख लंकसु पाइ*
*दानाउत दाखत दशहरा,परमेश्वर पुरत प्रमाण*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,बजरंग बनी सुर बाण*
*(09-10-2019)*
*अगियारस पर आप,जरा धरती पर जांख्यु,*
*जाख़्ये द्रशिया जाप,रिदय जे हर नित राख्यु*
*अविरत जे अजवाश,मढ्यो धर हर जग माथे*
*भुलिया नह आ भास,सदा सूरज अम साथे*
*उजियारा थइ भले उजवे,दस तहवारो ना दिन्न*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,भजिये नह भाण कु भिन्न*
*(10-10-2019)*
*विरल विधाता विद्व,तणी ताकत तिहारी,*
*परमेश्वर परसिद्ध,आ धरा अमर उगारी,*
*आवड़ सुर आशीष,भेडिये तु भरमायो,*
*रखी न सेजे रीष,थंभ थई ठेर तु थायो,*
*है भाण तिहारा भामणा,नित लियण आ चारण नात*
*पट निहर प्रौढ़ अवनी परे,परमेश्वर मित हर प्रात*
*🙏---मितेशदान(सिंहढाय्च)---🙏*
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