आव जरा जो हालत संसार मां शुं थाय छे??
बनावी आ झंझाल ने हवे तुं क्यां संताई छे??
गीता कुरान बाईबल मां जीवन अमुल्य लखाई छे??
तो पैसा साथे केम कोई ना आज जीव मुलवाय छे??
आम जवाबदारी मांथी छटकी भागी केम जाय छे??
जगतात छो तुं तो तारा थी ऐ फरज निभावाय छे??
मानव बनावी भुली ग्यो हवे ऐनी मानवता क्यां जाय छे??
"देव" हुं अबुध न जाणुं आ दोष बस तारा शीरे जाय छे
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें