पातः वंदनीय भगवती शक्ति स्वरुपी
आई सोनल माँ नी कृपा थी शब्दो रुपी
भाव नो ऐक रास तेमना पावन,कल्याणी
चरणो मां समर्पित
अंतर नो सुणती माँ साद जो ने सोनबाई
भावे बंधाणी ऐ ना बालुडा थी लोल...
दीसती नवखंड थी विशाल जो ने सोनबाई
राखे छे ध्यान ऐ ना छोरुडा नुं लोल...
आई तने माने बधी कोम जो ने सोनबाई
विध्नुं हरे छे सोनल भेरीयाणी लोल...
भाव थी संभारे ऐक वार जो ने सोनबाई
पुर्ण करे छे सर्वे काज ऐना लोल...
तुं ही भवानी तुं ही शक्ति जो ने सोनबाई
मढडावारी रेजे भेणी जो ने लोल ...
विनवे छे कर जोडी "देव" जो ने सोनबाई
चरणो नी रज माडी आपजो ने लोल...
✍🏻देव गढवी
नानाकपाया-मुंदरा
कच्छ
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